" इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अर्थात वस्तुओं का अंतरजाल -(I.O.T) " की संकल्पना और विशिष्टतायें !


इंटरनेट ऑफ थिंग्स या (IOT) एक दूसरे से  अन्तर्सम्बन्धित कंप्यूटिंग डिवाइस, मैकेनिकल और डिजिटल मशीनों, वस्तुओं, यूनिक आईडी से युक्ता जानवरों या मनुष्यों की नेटवर्क से जुडी एक ऐसी प्रणाली है जो इन्हे एकदूसरे से भौतिक रूप से जुड़े बिना भी नेटवर्क पर डेटा स्थानांतरित करने में सक्षम बनती है। 

Internet of things , how it work
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (फोटो-विकिमीडिया)

सर्वप्रथम 1999 में केविन एश्टन ने 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' शब्द का प्रयोग किया। यदि हम आकङो के हिसाब से देखे तो 2017 में आईओटी उपकरणों की संख्या सालाना 31% की दर से  बढ़कर 8.4 अरब हो गई है। यह अनुमान लगाया गया है कि 2025  तक इससे 75  अरब डिवाइस जुड़ जायेंगे। एक और अनुमान के मुताबित 2023 तक औटोमोबाइल क्षेत्र की 70% वस्तुएं आईओटी से जुड़ जाएँगी। जैसे जैसे इसका बाजार बढ़ता  लाखों कंपनियों नने इस तकनीकि में निवेश करना तेज कर दिया है। मैकिन्शें ग्लोबल इंस्टीट्यूट के अनुसार आईओटी का वैश्विक बाजार मूल्य 202 तक $ 11 ट्रिलियन के आंकड़े को भी पार कर जायेगा।


   
Things connected with IOT
आईओटी से जुडी वस्तुओं का अनुमान 

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स की जरुरत क्यों

  1.  शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सबसे बेहतर संभव प्रतिक्रियायें देने के लिए ।
  2. रीयल-टाइम निगरानी के आधार पर संसाधनों के सर्वोत्तम तरीके से आबटन के लिए। 
  3.  गतिशीलता के साथ सबसे बेहतर संभावित निर्णय लेने हेतु।
  4. स्थानीय सेवा एवं उत्पाद प्रदाताओं को संम्पूर्ण विश्व से जोड़ने के लिए । 
  5. समय की बचत के लिए। 
  6. उद्योगों की  कार्यक्षमता और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए।   



 इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के अनुप्रयोग :-


डिजिटलाइज़शन और तीव्र तक्नीकी विकास के दौर में इस तकनिकी के अनुप्रयोग का दायरा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है । इस तकनीकी का प्रयोग उन सभी क्षेत्रो में किया जा सकता है जो इंटरनेट,सॉफ्टवेयर और  इलेक्ट्रॉनिक्स से युक्त है या हो सकते है। उपभोक्ता वस्तुओँ के क्षेत्र में, स्मार्ट होम के निर्माण में, एंटरप्राइज़, बुनियादी ढांचा, विनिर्माण, कृषि, ऊर्जा प्रबंधन, पर्यावरण निगरानी, बिल्डिंग और होम ऑटोमेशन, मेट्रोपॉलिटन सिटी प्रबंधन, चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल, वृद्ध जानो के देखभाल, परिवहन ,जल प्रबंधन, सेवाओं के वितरण और प्रसाशन  के साथ साथ ऐसे कई क्षेत्र है जहा पर इस तकनीकी का प्रयोग कर बेहतर लाभ लिया जा सकता है ।

1 - आईओटी के लाभ :-इसका प्रयोग दिन-प्रतिदिन के कार्यो को सरलता पूर्वक करने के लिए किया जा सकता है - जैसे व्यस्त क्षेत्रों में कार पार्किंग के लिए स्थान ढूंढना, अपने घर को मनोरजन प्रणाली से जोड़ना और घरलौटते समय यह पता लगाना की घर में किन किन चीजों की जरुरत है । 

2 - यह तकनीकी हमें वस्तुओँ और सेवा प्रदाताओं के साथ अप्रत्याशित कनेक्टिविटी प्रदान करती है। यह तक्नीकी अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अभिनव नए उत्पादों और सेवाओं को तेजी से वितरित करने की क्षमता रखती हैं।

3 - इस तकनीकी के प्रयोग से कार्य निष्पादन में दक्षता और तेजी आती है। हमें सूचनाओं और देता के लिए इंतजार की जरुरत नहीं पड़ती परिणाम स्वरुप कार्य निष्पादन की दर काफी तेज और सरीक होती है ।

4 - इस तक्नीकी से जुडी डिवाइस सटीक डेटा संग्रह और स्वचालित तीव्र कार्य निष्पादन प्रदान करते हैं परिणामस्वरूप संगठनों को उनकी परिचालन लागत को कम करने और त्रुटियों को कम करने में सहायता मिलती है।

 5 - एक दूसरे से आपस में जुड़े स्मार्ट डिवाइस संगठनों को समय बचाने और प्रक्रियाओं के प्रदर्शन को बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं।



इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स से जुड़े खतरे !


  • इस तकनीकि का सबसे बड़ा खतरा है मानव का तकनीकि पर पूर्णतया आश्रित होना जो उसके स्तित्व को खतरे में डाल सकती है साथ ही साथ यह भी खतरा है की कही तकनीकि की इस दौड़ में मानव काफी पीछे न छूट जाये ।
  •  इस तकनीकी के साथ सबसे बड़ी चिंता है कनेक्टेड डिवाइस को सुरक्षित रखने की। 
  • आज इंटरनेट से जुडी हर चीज के हैक होने का खतरा है ऐसे में इससे जुडी सभी डिवाइस को हैक किया जा सकता है। परिणाम  स्वरुप किसी भी घटना को अंजाम दिया जा सकता है जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है ।
  •  चूँकि इस तकनीकि में हर उत्पाद एक दूसरे से तथा इंटरनेट से जुड़े होते है ऐसे में सरकार द्वारा, कंपनियों द्वारा तथा अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा उपयोगकर्ताओं से सम्बंधित डेटा और उपयोगकर्ताओं पर निरंतर निगरानी रखे जाने का खतरा है जो प्राइवेसी और गोपनीयता के अधिकारों का हनन करता है ।
  •  यह तकनीकि समाज में बेरोजगारी और असमानता भी लाएगी ।

आईओ टी की चुनौतियां ?


  •  डेटा सिस्टम और डेटा एकीकरण चुनौतियों से सम्बंधित चुनाौतियाँ ।
  •  साइबर सुरक्षा, डेटा सुरक्षा और सुरक्षा आर्किटेक्चर को लगातार अद्यतन करने की चुनौती।
  •  कुशल पेशेवरों की कमी। 
  • डाटा स्टोरेज, गोपनीयतास्वायत्तताऔर नियंत्रण सम्बन्धी चुनौती।  
  • इस तकनिकी से जुडी डिवाइस के आपस में अंतःक्रिया करने की संभावना की समस्या।  
  •  ठोस व्यापर मॉडल का अभाव।


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2 comments

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Hemant Pal
admin
May 27, 2020 at 10:00 AM ×

Nice post...IOT is todays need, we must use it in a way that it causes maximum benefit to human being..

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May 27, 2020 at 12:48 PM ×

Yes ..we should use it but with some precausion

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